Dreamer,Poet/writer.On this earth to live the Dream.. Khauf nahin hai tera ae zamana,mustaqbil tu apna kar talash...Mei jaaunga wahi jaha mujhe jaana hai...SM
दर्ज़ी है वो कौन जिसके हाथों में ये ज़िंदगी की मशीन है साँसों के धागों से बाहम जिस्म-ओ-रूह को सिलते जा रहा है टाँकेगा वो जब तक साँसों के धागे ये रूह और जिस्म साथ साथ चलेंगे यूँ ही जैसे
बारिश हो रही है सुनो किसी बहाने से घर से निकलकर तुम आना बना कर कोई अच्छा बहाना के बारिशों में भीगे एक मुद्दत सी हो गई ये बूँदें ख़्वाहिशों के कोई बीज बो गई नुक्कड़ वाली दुकान पर छाता